हॉ मै हिंदी हू ,हिंदी हू ,हिंदी हू ,
भारत माता की बिंदी हु.
मै हिंदी हू.
यह न पूछो के
हाल मेरा कैसा है.
अपनों के बिच
पराये जैसा है.
मिया मिट्टू भला
कोई अपने मुंह बनता है.
अपनी दही कों
कोई खट्टी नहीं कहता है.
अपना सा मुंह लेकर
रह रही हू .
बीती अपनी
खुद कहा रही हू.
मुझे मलाल बड़ा भारी है
मेरा शोषण बददस्तुर जारी है
फटी हुई चिंदी हू .
हॉ मै हिंदी हू ,हिंदी हू ,हिंदी हू ,
प्रेम लता एम. सेमालानी