प्रिय बेबी!
22 may 2011 आज wedding anniversary है। तोहफे के तोर पर चन्द लब्बज पेश कर रहा हु।
इस शुभ दिन पर हार्दिक शुभकामानाये प्रेषित कर रहा हू। ईन्ह 20 वर्षो मे तुम्हारे प्यार भरे साथ से हमारे एवम परिवार के लिये खुशियो से भरा रहा।
तुम्हारा स्नेह भरा साथ जीवन सगनी के रुप मे मधुर झंकार की भॉती रहा। तुम्हारे संग से जिवन हर्षमय हो गया। यह 20 वर्ष तुम्हारे साथ ऐसे व्यतित हुये मानो अभी तो 20 दिन ही हुये।
22 वर्षो से मै तुम्हे जानता हू। (२ वर्ष सगाई के रहते) इससे पूर्व हम एक दुसरे को जानते भी नही थे। मै आज मेरे परम आराध्य देव गुरु आचार्य श्री महाश्रमणजी को परमेष्ठी वन्दना करते हुए हमारे लिए आध्यात्मिक सुख की कामना करता हूँ !
तुम...
शून्य में भी चेतना का पूर्ण एक आधार हो तुम
हर सुखद अनुभूतियों में, बसा एक संसार हो तुम.
अग्नि प्रज्जवलित हो चुकी, अब होम की बातें करें
यज्ञ की संपूर्णता में, तेज बन साकार हो तुम.
सात जन्मों तक रहेगा, साथ मेरा और तुम्हारा
इन प्रचारित रीतियों का, खुला मंगलद्वार हो तुम
मैं भटकता जा रहा था, जिन्दगी की राह पर
पथ दिखाती सूक्तियों का, स्वयं एक उच्चार हो तुम.
कुछ गढ़ा कुछ अनगढ़ा आकार है इन मूर्तियों का
अनगढ़ी इन मूर्तियों में प्रणय बन साकार हो तुम.
नोट -:
(कविता के शब्द हमारे ब्लोगर मित्र समीरजी के है किन्तु यह भावना मेरे दिल की है तुम्हारे लिए )