कलियुग का बेटा जीवता मॉ-बाप ने रोटी नही देवे, मरिया पछे उणारो नामे सु जीमण जीमावे। जीवता मॉ-बाप ने पोणी नही पावे, मरिया पछे उणारे नोम री प्याऊ खोलावे। जीवता मॉ-बाप सु मुन्डे नही बोले, मरिया पछे उणारा जगह-जगह फोटू लगावे। जीवता मॉ-बाप री सेवा नही करे, मरिया पछे महोत्सव मनावे। जीवता मॉ-बाप ने खुब रुलावे, मरिया पछे पोते ऑसुडा ढलावे। जीवता मॉ-बाप रो इलाज नही करावे, मरिया पछे उणोरा नाम सु दवाखानो बन्धावे। जीवता मॉ-बाप ने खर्चो नही देवे, मरिया पछे उणारो नोम सु सघ निकाले। |
---|
राजस्थानी शव्दो का अर्थ
मरिया = मृत्यू।जीमण जीमावे = मृत्यू पश्चात का महाभोज (खाना)।
पोणी = पानी ।
मुन्डे नही बोले = बातचीत नही करना।
ऑसुडा ढलावे = दिखावे के ऑसु।
सघ निकाले = धार्मिक यात्राए निकालना।
प्रेमलता एम सेमलानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें